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राजनीति का अखाड़ा बना ‘कोटा राष्ट्रीय दशहरा मेला’, इस बार नहीं होगी ये खेल प्रतियोगिताएं

Kota News: कोटा के राष्ट्रीय दशहरा मेले की तैयारी शुरू हो चुकी है। इस बार मेला आयोजन समिति ने कुश्ती और अन्य खेलकूद प्रतियोगिताएं मेला कार्यक्रम से हटा दी हैं। कांग्रेस नेता शांति धारीवाल ने इस कदम की कड़ी आलोचना की है और इसे खेलों के प्रमोशन के लिए नुकसानदायक बताया है। जानते हैं आखिर इन प्रतियोगिताएं को शामिल ना करने के पीछे क्या कारण है।

कोटा: राजस्थान के कोटा में जल्द ही राष्ट्रीय दशहरा मेला लगने वाला है और इसकी तैयारियां जोरों पर हैं। लेकिन इस बार मेला आयोजन को लेकर राजनीति गरमा गई है। दरअसल, बीजेपी सरकार द्वारा गठित मेला आयोजन समिति ने इस बार मेले में होने वाली कुश्ती और अन्य खेल प्रतियोगिताओं को कार्यक्रम की सूची से हटा दिया है, जिस पर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई है।

मेलों में खेल नहीं होंगे तो कहां होंगे?

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने इस फैसले पर बीजेपी सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के समय में कुश्ती प्रतियोगिता के विजेताओं को नगर निगम और सरकार द्वारा इनाम दिया जाता था। धारीवाल ने सवाल उठाते हुए कहा कि आखिर यह भी तो एक खेल है। अगर मेलों में खेल नहीं होंगे तो कहां होंगे? उन्होंने कहा कि इन प्रतियोगिताओं से हाड़ौती में कुश्ती और पहलवानी को बढ़ावा मिलता था।

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